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जीवन का हर क्षण नया: कर्म, कामना, और चेतना || आचार्य प्रशांत, भगवद् गीता पर (2024)

2024-08-09 2 Dailymotion

‍♂️ आचार्य प्रशांत से मिलना चाहते हैं?<br />लाइव सत्रों का हिस्सा बनें: https://acharyaprashant.org/hi/enquir...<br /><br /> आचार्य प्रशांत की पुस्तकें पढ़ना चाहते हैं?<br />फ्री डिलीवरी पाएँ: https://acharyaprashant.org/hi/books?...<br /><br />➖➖➖➖➖➖<br /><br />वीडियो जानकारी: 15.2.24 , गीता समागम , ग्रेटर नॉएडा <br /><br />प्रसंग: <br />ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम् ।<br />मम वर्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः ।।<br /><br />जो जैसे मुझे भजता है, मैं भी उन्हें वैसे ही भजता हूँ। जो मनुष्य जिस भी मार्ग पर चल रहा हो, चल तो वो मेरे ही मार्ग पर रहा है।<br />~ भगवद् गीता - 4.11<br /><br />~ अपनी सच्चाई कैसे जानें?<br />~ पारस्परिकता का सिद्धांत क्या कहता है?<br />~ आत्म-सापेक्षता का सिद्धांत क्या है?<br />~ अनुग्रह का वास्तविक अर्थ क्या है?<br />~ जीवन में सबसे बड़ा रस कौन सा है?<br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~~~~~~~

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